Sunday, April 29, 2012

HTET Haryana : हरियाणा सरकार को शिक्षकों ने दी धमकी


HTET Haryana : हरियाणा सरकार को शिक्षकों ने दी धमकी


हरियाणा सरकार को पात्र शिक्षकों ने 1 मई को हजारों की संख्या में सीएम सिटी रोहतक में सामूहिक रूप से आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। पात्र शिक्षक 4 साल का अनुभव रखने वाले शिक्षकों को पात्रता परीक्षा में छूट के फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। 

सरकार के फैसले से सख्त नाराज पात्र शिक्षकों ने शनिवार को प्रदेश की एजुकेशन मिनिस्टर गीता भुक्कल से मुलाकात की और उनके सामने अपना पक्ष रखा। गौरतलब है कि ये टीचर रेगुलर टीचरों की भर्ती में 4 साल का अनुभव रखने वाले टीचरों को पात्रता टेस्ट से छूट देने के फैसले का लगातार विरोध कर रहे हैं। इन टीचरों ने मंत्री से सरकार का फैसला वापस लिए जाने की मांग की। इस पर मंत्री भुक्कल ने भरोसा दिया कि वे इस मामला को मुख्यमंत्री के सामने उठाएंगी और उन्हें न्याय दिलाने की कोशिश करेंगी। 

बैठक के बाद पात्र शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजंेद्र शर्मा ने कहा कि अगर सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया तो उनके सामने आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि 1 मई को प्रदेश के हजारों पात्र शिक्षक रोहतक में सामूहिक आत्मदाह करेंगे और इसकी जिम्मेदारी सरकार पर होगी। मंत्री से मिलने वाले शिक्षकों के शिष्टमंडल में अर्चना सुहासिनी, प्रेम अहलावत, अनिल अहलावत, राकेश कुमार, संदीप कुमार, गुरदीप, जसपाल, रविंद्र आदि शामिल थे। 




शिक्षकों का प्रदर्शन जारी :-


दूसरी तरफ, पंचकूला स्थित एजुकेशन डायरक्ट्रेट पर पात्र शिक्षक संघ का विरोध-प्रदर्शन 10वें दिन भी जारी रही। संघ की महिला विंग की अध्यक्ष अर्चना सुहासिनी ने सभा में कहा कि सरकार के नए सर्विस रूल असंवैधानिक हैं, और पात्र शिक्षकों के साथ धोखा है। सरकार रेगुलर भर्ती के नाम पर पिछले डेढ़ साल से बेरोजगारों को बेवकूफ बना रही है। सरकार जहां एक तरफ राइट टू एजुकेशन और विमेन इम्पॉवरमेंट का राग अलाप रही है, वहीं एलिजिबल यूथ के साथ मजाक कर रही है। इस मसले पर प्रदेश प्रवक्ता प्रेम अहलावत ने बताया कि रोहतक में महाबलिदान रैली की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अगर सरकार अपने अडि़यल रवैये पर कायम रही तो प्रदेश के हजारों पात्र शिक्षक अपने जीवन की आहुति देने से नहीं हिचकेंगे। 

News : NavBharat Times ( 29.4.12)

HTET : नहीं तो 1 मई को रोहतक में सामूहिक आत्मदाह करेंगे अध्यापक


HTET Haryana: नहीं तो 1 मई को रोहतक में सामूहिक आत्मदाह करेंगे अध्यापक

हिसार -पात्र अध्यापक संघ का प्रतिनिधिमंडल आज अपनी विभिन्न मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल से मिला और उन्हें संघ की सभी मांगों को 1 मई से पहले पूरा करने की बात कही। संघ की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष अर्चना सुहासिनी ने शिक्षा मंत्री को कहा कि अगर पात्रता परीक्षा पास न करने वालों को भी शिक्षक भर्ती में शामिल किए जाने के नियम को सरकार वापस नहीं लेती तो वे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 1 मई के दिन रोहतक में सामूहिक आत्मदाह करेंगे।

उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्री ने उनकी 2 मुख्य मांगों पर जल्द विचार कर उन्हें सूचना देने का आश्वासन दिया है। इनमें मुख्य रूप से 12 सप्ताह की गर्भवती महिलाओं के शिक्षक भर्ती में शामिल न किए जाने के नियम को खत्म करने की है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा निजी स्कूलों के 4 साल के शैक्षिक अनुभवी शिक्षकों को सरकार की नियमित भर्ती में योग्य न मानने की मांग पर जल्द मुख्यमंत्री से विचार मंथन करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि 1 मई के संघ के कार्यक्रम को सफल रूप देने और सरकार से अपनी मांगें मनवाने के लिए वे प्रदेश के हर जिले में पात्र अध्यापकों से संपर्क कर रहे हैं। 

इसके अलावा पंचकूला स्थित शिक्षा सदन पर भी 19 अप्रैल से पात्र अध्यापकों द्वारा शोक सभा की जा रही है, जो 30 अप्रैल तक जारी रहेगी। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की सरकार ने वर्ष 2008 में प्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए पात्रता परीक्षा लागू की थी। पात्रता परीक्षा को लागू करने वाली सरकार अब अध्यापक भर्ती में एचटैट की छूट देकर चार वर्ष के अनुभव रखने वाले शिक्षकों को मौका दे रही है। ऐसा नियम गैर सवैधानिक है और पात्र अध्यापकों के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि सरकार यह नियम बनाकर सीधे रूप से अतिथि अध्यापकों को फायदा पहुंचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल ही में 12 सप्ताह की गर्भवती महिला को नौकरी के लिए अस्थाई रूप से अनफिट घोषित कर महिलाओं का घोर अपमान किया है। इस सर्विस रूल को भी संघ किसी भी सूरत में सहन नहीं करेगा। शिक्षा मंत्री से मिलने गए संघ के प्रतिनिधिमंडल में संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा, अनिल एहलावत, गुरदीप, राकेश, रविन्द्र, प्रेम एहलावत व जसपाल उपस्थित थे।

News : ramatimes.com / http://ramatimes.com/?p=38198

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It is really shocking to hear. And a solution should be come out as a remedy measure to stop this type of thinking/incident to happen.

Tuesday, April 24, 2012

HTET / Haryana Teachers : 27 अप्रैल को प्रदर्शन करेंगे अध्यापक संघ के सदस्य

HTET / Haryana Teachers : 27 अप्रैल को प्रदर्शन करेंगे अध्यापक संघ के सदस्य
यमुनानगर, जागरण संवाद केंद्र : मांगों को लेकर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ 27 अप्रैल को जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय पर प्रदर्शन करेगा। यह जानकारी संघ के प्रांतीय मुख्य सलाहकार जरनैल सिंह सांगवान प्रचार सचिव महीपाल चमरोड़ी ने मंगलवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी।

महीपाल चमरोड़ी ने बताया कि 27 अप्रैल को अनुबंध आधार पर शिक्षकों की भर्ती के विरोध में तथा नियमित आधार पर व पूरा वेतन, भतों सहित शिक्षकों की भर्ती की जाए के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालयों के सामने प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार को ज्ञापन भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि स्कूलों में एजूसेट के माध्यम से क्वालिटी शिक्षा प्रदान करने के दावों को कंप्यूटर के माध्यम से शिक्षा, जिस पर लगभग 1500 करोड़ रुपये बर्बाद किए गए और अब सरकार ने बाल शिक्षा अधिकार कानून 2009 तो लागू करने की घोषणा कर दी है, लेकिन 40 हजार के लगभग शिक्षकों को भर्ती करने में जानबूझ कर ऐसे अड़ंगे डाले जा रहे हैं कि पूरे वेतन पर अध्यापक भर्ती ही न करने पड़े।

इससे पहले भी सरकार ने पंचायती राज इंस्टीट्शन के तहत 6733 प्राथमिक अध्यापक फिक्स वेतन पर भर्ती किए थे, जो अब संघर्ष के बलबूते पर पक्के हो चुके हैं। पदोन्नति के हजारों पद वर्षो से खाली पड़े है, उनकी तरफ सरकार चुप्पी साधे है।

News : Jagran ( 24.4.12)

Monday, April 23, 2012

HTET Haryana : 25 हजार शिक्षकों की भर्ती जल्द


HTET Haryana : 25 हजार शिक्षकों की भर्ती जल्द

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा 25 हजार अध्यापकों की भर्ती के लिए प्रारूप तैयार कर शिक्षक भर्ती बोर्ड को भेज दिया गया है। बोर्ड जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा। शिक्षा विभाग में 15 हजार अध्यापकों की भर्ती स्कूल शिक्षा के लिए और दस हजार अध्यापकों की भर्ती मौलिक शिक्षा के लिए नियमित आधार पर की जाएगी। प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और शैक्षणिक ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से योजनागत और गैर योजनागत मद के तहत चालू वित्त वर्ष में 8245.58 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है, जो वर्ष 2011-12 से 1369.59 करोड़ अधिक है। स्कूल शिक्षा विभाग के महानिदेशक समीर पाल सरों के अनुसार राज्य सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार कानून के तहत हरियाणा राइट ऑफ चिल्ड्रन टू फ्री एंड कंपल्सरी रूल्स 2011 की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। प्रदेश में राइट टू एजूकेशन के सभी पहलुओं को केंद्र सरकार के निर्देशानुसार लागू किया जाएगा। सरों ने बताया कि प्रदेश में गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शिक्षकों को बेहतर दर्जे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। झज्जर जिले के सिलानी केसो गांव में राष्ट्रीय स्तर का टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोला जाएगा। विभाग द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू भी कर दिया गया है। स्कूलों के प्राचार्यो को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा शैक्षणिक रूप से पिछड़े 36 खंडों में आरोही स्कूल खोले गए हैं। इसके साथ-साथ प्रदेश के प्रत्येक शैक्षणिक खंड में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय भी स्थापित हो चुके हैं। 9 खंडों में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय शुरू हो चुके हैं और 27 खंडों में चालू वित्तवर्ष के दौरान शुरू हो जाएंगे। चालू वित्तवर्ष के दौरान प्रथम चरण में यमुनानगर, करनाल, जींद, झज्जर और रोहतक में 15 आदर्श विद्यालय खोले जाने का प्रस्ताव है

Haryana / HTET : अनुबंध आधार पर ही होगी शिक्षक भर्ती


Haryana / HTET : अनुबंध आधार पर ही होगी शिक्षक भर्ती


चंडीगढ़, 23 अप्रैल। हरियाणा के स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती करने को लेकर प्रदेश सरकार कोई दिशा तय नहीं कर पा रही है। सरकार अभी तक यह तय नहीं कर पाई है कि उसे करना क्या है। कभी नियमित भर्ती की बात करती है तो कभी कांट्रेक्ट (अनुबंध) आधार पर शिक्षक रखने का फैसला लिया जाता है। हरियाणा में शिक्षा विभाग द्वारा संशोधित किए गए सेवा नियमों ने एक बार फिर से सरकार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रदेश में 25 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती की तैयारी में सरकार जुटी है किंतु यह भर्ती अनुबंध आधार पर होगी।
सरकार अगर इसी तरह से बार-बार नियम बदलती रही तो आने आने वाले दिनों में सरकारी स्कूलों में तस्वीर कुछ बदली-बदली सी नजर आ सकती है। चूंकि अभी कुछ ऐसे नियम हैं, जो अधिसूचित किए जाने हैं और कुछ अधिसूचित किए जा चुके हैं। जो नियम अधिसूचित किए जा चुके हैं, उन्हें एक बारगी देखने से तो ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में सरकारी स्कूलों में तीन तरह के शिक्षक मौजूद होंगे। एक वो जो पूर्णतया स्थाई हैं और उन्हें तमाम तरह की सुविधाएं सरकार से मिल रही हैं। दूसरे वो जो गेस्ट टीचर के नाम पर जाने जाते हैं और उन्हें एकमुश्त वेतन दिया जाता है। उनकी संख्या प्रदेशभर में लगभग 15000 के आसपास हैं। तीसरे वो अध्यापक हैं, जो पांच साल के अनियमित आधार पर बेसिक पे + ग्रेड पे व साल दर साल वेतनवृद्धि पर लगाए जाएंगे और हर साल उनका मूल्यांकन होगा। इस सबके बावजूद देखने में यह भी आ सकता है कि आज अलग-अलग मोर्चे पर लड़ रहे गेस्ट टीचर व पात्र अध्यापक शायद एक ही मंच पर आ जाएं।

खैर, यह सब तो भविष्य के गर्भ में है। फिलहाल हम चर्चा कर रहे हैं हाल ही में टीचर भर्ती के लिए बनाए गए नए नियमों की, जिनमें स्पष्ट लिखा है कि भर्ती ठेके पर होगी और 5 साल के लिए होगी, जिसमें प्रत्येक वर्ष भर्ती किए गए शिक्षक का मूल्यांकन होगा। यहां यह भी बता देना आवश्यक है कि हो सकता है कि कुछ अध्यापक को प्रथम वर्ष पूरा होने पर ही पैवेलियन लौटना पड़े और यह सिलसिला जारी रहे। परंतु फिर भी लगातार मूल्यांकन होगा और पांच साल मूल्यांकन करने के बाद अगर उक्त शिक्षकों को रखा गया तो अगला साल भी ‘प्रोबेशन पीरियड’ का होगा। उसके बाद तय होगा कि भर्ती किए गए शिक्षक रेगुलर आधार पर रखे जाने योग्य हैं या नहीं। गजब की बात तो यह है कि इस दौरान इन भर्ती किए गए शिक्षकों को बेसिक पे + ग्रेड पे ही मिलेगी व प्रतिवर्ष 3 प्रतिशत की वेतन वृद्धि के अलावा अन्य कोई भी सुविधाएं नहीं दी जाएंगी। हां, बस छुट्टियां जरूर दस मिलेंगी और महिला शिक्षकों को ‘मेटरनिटी लीव’ भी मिलेगी। यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब सरकार को अनुबंध आधार पर ही शिक्षक नियुक्त करने थे तो फिर शिक्षक भर्ती बोर्ड का गठन करने की क्या जरूरत थी?
कांट्रेक्ट पर पहले से है लफड़ा : यहां यह बता दें कि हरियाणा में पहले भी सरकार द्वारा पंद्रह हजार से अधिक गेस्ट टीचर कांट्रेक्ट पर लगाए हुए हैं। गेस्ट टीचरों का विवाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जा चुका है। हाईकोर्ट तो इन शिक्षकों को तुरंत रिलीव करने के आदेश भी दे चुकी है किंतु सुप्रीम कोर्ट से प्रदेश सरकार को थोड़ी राहत मिली। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को करीब एक वर्ष का समय देते हुए नियमित शिक्षकों की भर्ती करने के आदेश दिए हैं। उधर, हरियाणा पात्रता परीक्षा पास शिक्षक गेस्ट टीचरों को हटाए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। ऐसे में अगर फिर से सरकार शिक्षकों की भर्ती कांट्रेक्ट पर ही करेगी तो भविष्य में उनको लेकर दिक्कत नहीं होगी, इसकी क्या गारंटी है।



हरियाणा सरकार ने शिक्षा का मजाक बना दिया है। शिक्षा विभाग को एक प्रयोगशाला बनाया हुआ है। अनुबंध आधार पर तो शिक्षकों की भर्ती पहले भी की हुई है। ऐसा लगता है मानो सरकार शिक्षा विभाग का भी निजीकरण करना चाहती है।    
-कृष्ण कुमार निर्माण, हरियाणा राजकीय विद्यालय संघ
अनुबंध का जमाना तो बहुत पीछे जा चुका है। अब तो सरकार को चाहिए कि शिक्षा जैसी बुनियादी चीज, जहां बच्चों की प्रतिभा उभरती है वहां नियमित भर्ती हो। जिस शिक्षक को लगातार पांच-छह वर्ष तक अपने भविष्य की ङ्क्षचता सताएगी, वह पढ़ाई पर ध्यान कैसे दे पाएगा।
    -राजेंद्र शर्मा, अध्यक्ष, पात्र अध्यापक संघ
 शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा सरकार रोज नए-नए फार्मूले अपना रही है। प्राइमरी एजुकेशन का स्तर दिन-प्रतिदिन गिर रहा है। हालात यह है कि प्रदेश में तकनीकी शिक्षा की भी पचास प्रतिशत से अधिक सीटें रिक्त पड़ी हैं। यूनिवर्सिटी खोलने से शिक्षा का स्तर नहीं सुधरा करता। जरूरत तो इस बात की है कि मौजूदा व्यवस्था में ही सुधार किया जाए। सरकार के कुप्रबंधन की वजह से देश के कर्णधारों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है।
    -अजय सिंह चौटाला, इनेलो प्रधान महासचिव
शिक्षा में सुधार के लिए हरियाणा सरकार ने यह फैसला लिया है। शिक्षकों की भर्ती अनुबंध आधार पर जरूर हो रही है किंतु उन्हें सभी सुविधाएं मिलेंगी और भर्ती भी शिक्षक भर्ती बोर्ड द्वारा की जाएगी। हिमाचल प्रदेश में भी शिक्षकों की भर्ती अनुबंध आधार पर ही की जा रही है। पांच वर्ष के अनुबंध के बाद शिक्षकों के काम को देखते हुए उन्हें नियमित कर दिया जाएगा। शिक्षकों की परफार्मेंस व गुणवत्ता बढ़ाना सरकार का मुख्य उद्देश्य है।
    -गीता भुक्कल, शिक्षा मंत्री, हरियाणा


News : Denik Tribune / dainiktribuneonline.com (23.4.12)

Saturday, April 21, 2012

HTET : Collective immolation threat by eligible teachers in Haryana


HTET : Collective immolation threat by eligible teachers in Haryana

Eligible teachers of Haryana today burnt the photocopies of their certificates after taking out a march in the town. Haryana Patra Adhyapak Sangh President Rajendar Sharma served an ultimatum to the government to accept their demand by May one otherwise they would resort to collective self-immolation in Rohtak on the same day at Savindhan Sthal and the government would be held responsible for this mass act of immolation.
These teachers were arrested yesterday under section 107/151, before they could show black flags to the chief minister and later bailed out.

Eligible teachers women wing president Archana Suhasini said, "The government has done a great injustice to us by appointing guest teachers who have not passed the eligibility test but have four years experience of teaching. If the government has to appoint teachers without their passing the eligibility test then why the condition of this test was laid. The judiciary has also not favoured the decision of the government to regularise the guest teachers who have not cleared the test," he added.

The restive teachers urged the government to advertise the vacancies and appoint those who had passed the state teachers' eligibility test. The angry teachers raised slogans against the government and sought justice.

News : Hindustan Times (15.4.12)

HTET : नयी शिक्षक भर्ती नीति के विरोध में उतरे शिक्षक संगठन


HTET : नयी शिक्षक भर्ती नीति के विरोध में उतरे शिक्षक संगठन
(Teachers organization oppose New Teachers Recruitment Policy )

कैथल, 21 अप्रैल (निस)। हरियाणा सरकार द्वारा शिक्षकों की नई भर्ती में शिक्षकों को कान्ट्रेक्ट पर रखने तथा पांच साल बाद एक वर्ष के प्रौबेशन पर रखने के निर्णय के विरोध में शिक्षक संगठन उतर आए हैं। सरकार के इस निर्णय की कड़ी निंदा करते हुए शिक्षक संगठनों ने कड़े संघर्ष के द्वारा विरोध जताने का निर्णय लिया है, जिसके तहत जहां हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ ने 23 अप्रैल को प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित कर संघर्ष की रूप रेखा तय करने का निर्णय लिया है वहीं अपने इस संघर्ष में छात्रों को भी शािमल करने की घोषणा की है।
संघ के संगठन सचिव बलबीर सिंह  व जिला सचिव सतबीर गोयत ने बताया कि सरकार के इस निर्णय का संघ ने कड़ा विरोध जताया है और सरकार की इस प्रकार से शिक्षा व्यवस्था के साथ छेड़छाड़ करने की मंशा पूरी नहीं होने दी जाएगी।
उधर, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ हरियाणा ने भी सरकार के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है। जिला कैथल प्रधान रोशन लाल पंवार ने रैगुलर भर्ती के स्थान पर इस भर्ती नीति की आलोचना करते हुए सरकार के खिलाफ आन्दोलन करने की चेतावनी दी और कहा कि इस गम्भीर विषय पर आन्दोलन की रूपरेखा तय करने के लिए संघ की राज्यस्तरीय बैठक जीन्द में 22 अप्रैल को बुलाई गई है।
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने  हमेशा  नियमित भर्ती का समर्थन किया है और सरकार के इस आदेश को नादिरशाही फरमान की संज्ञा दी है जिसे यदि वापस नहीं लिया गया तो पूरे प्रदेश के प्राथमिक शिक्षक सरकार का हर मोर्चे पर पूरा विरोध करेंगे।


उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा नई भर्ती में अध्यापकों पद ठेके पर भरे जाने तथा पूरा वेतन न देकर केवल बेसिक पे तथा ग्रेड पे देने का प्रावधान है जिसमें अध्यापकों को अन्य सभी लाभों से वंचित किया जाएगा तथा पांच साल की सन्तोषजनक सेवा के बाद ही नियमित करने का प्रावधान है।

News : Denik Tribune (22.4.12)

Thursday, April 19, 2012

HTET Haryana : राहुल के दरबार में पहुंचे पात्र अध्यापक


HTET Haryana : राहुल के दरबार में पहुंचे पात्र अध्यापक 

चंडीगढ़, जागरण ब्यूरो : प्रदेश के पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले भावी अध्यापक कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के दरबार में पहुंच गए हैं। पात्र अध्यापक संघ के पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने नई दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात कर न केवल शिक्षक भर्ती नियम में बदलाव पर आपत्ति जताई है, बल्कि पात्र अध्यापकों के साथ न्याय नहीं होने की स्थिति में आंदोलन की प्रतिबद्धता भी जाहिर कर दी है।
 पात्र अध्यापकों ने बृहस्पतिवार से पंचकूला स्थित शिक्षा सदन के बाहर धरना शुरू करने का एलान किया है। हरियाणा पात्र अध्यापक संघ के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा और महिला विंग की प्रधान अर्चना सुभाषिनी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार सुबह दस बजे राहुल गांधी से मुलाकात की। कांग्रेस भवन में करीब 15 मिनट तक हुई बातचीत के दौरान पात्र अध्यापक नेताओं ने शिक्षा भर्ती नियमों में बदलाव का प्रबल विरोध किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा नियम बनाकर अध्यापकों की भर्ती के लिए पहले पात्रता परीक्षा अनिवार्य की। अब करीब एक लाख से ज्यादा अध्यापक भर्ती के लिए पात्रता परीक्षा पास कर चुके हैं तो सरकार ने इसे खत्म कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कांग्रेस महासचिव को अतिथि अध्यापकों की वह सूची भी सौंपी, जो भर्ती के दौरान गलत पाई गई है। इस सूची में करीब 1200 नाम दर्ज बताए जाते हैं।

उन्होंने पूछा कि ऐसी कौन सी मजबूरी है कि पहले राज्य सरकार ने पात्रता परीक्षा जरूरी की और बाद में उसे खत्म कर दिया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले से करीब एक लाख परीक्षा पास पात्र अध्यापकों का भविष्य खराब हो जाएगा। उन्होंने उन परीक्षार्थियों का मुद्दा भीउठाया, जो परीक्षा पास करने के लिए दो से चार बार तक फेल हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने यदि पात्रता परीक्षा पास अध्यापकों को नौकरी में तरजीह नहीं दी और अतिथि अध्यापकों को नहीं हटाया तो आंदोलन किया जाएगा। मंगलवार को केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के सचिव वी उमाशंकर तथा स्कूल शिक्षा (साक्षरता) की सचिव आंशु वैश्य से भी मुलाकात हो चुकी है। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश प्रवक्ता प्रेम अहलावत, अनिल अहलावत और अनूप दलाल भी शामिल रहे।

Tuesday, April 17, 2012

HTET : गेस्ट टीचरों की सीधी भर्ती मामले का विरोध


HTET : गेस्ट टीचरों की सीधी भर्ती मामले का विरोध


4 वर्ष के अनुभव वाले शिक्षकों को बिना पात्रता परीक्षा पास किए भर्ती में शामिल करने के विरोध में पात्र अध्यापकों ने रविवार को हिसार , गुड़गांव , रोहतक और अंबाला मंडलों पर प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने पात्रता परीक्षा से संबंधित सर्टिफिकेट्स जलाए

पात्र अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने कहा कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी नियमित भर्ती में पात्रता परीक्षा में छूट के निर्णय को पूर्व में असंवैधानिक ठहरा चुके हैं और अतिथि अध्यापकों की नियुक्तियों को बैक डोर एंट्री व गलत बता चुके हैं। अतिथि अध्यापकांे के मोह में सरकार न्यायालय के फैसलों को भी ठंेगा दिखाने से बाज नहीं आ रही है। उन्होंने कहा कि पात्रता परीक्षा में छूट संबंधी निर्णय के लिए मुख्यमंत्री ने जानबूझ कर कैबिनेट की बैठक तक नहीं बुलाई , बल्कि सभी मंत्रियों को अलग - अलग फाइल भेज कर हस्ताक्षर करवाए गए। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री को आभास था कि बैठक में इस निर्णय का भारी विरोध हो सकता है

उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस फैसले का पुरजोर विरोध कर रहे थे , लेकिन मुख्यमंत्री के अतिथि अध्यापकों के मोह के आगे उनकी एक न चली। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में पात्रता परीक्षा लागू करते समय शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार के लिए पात्रता परीक्षा को जरूरी बताया गया , परंतु आज जब 1 लाख गरीब व होनहार युवा दिनरात मेहनत कर परीक्षा पास कर चुके हैं , तो मुख्यमंत्री के लिए अब शिक्षा में गुणवत्ता का नहीं बल्कि अतिथि अध्यापकों को बनाए रखने का सवाल ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है

राजेंद्र शर्मा ने कहा कि यदि सरकार ने निर्णय वापस नहीं लिया तो पात्र अध्यापक एक मई को संविधान स्थल रोहतक में सामूहिक आत्मदाह कर लेंगे। संघ की महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष अर्चना सुहासिनी ने कहा कि जो अतिथि अध्यापक 4 बार पात्रता परीक्षा देने के बावजूद भी पास नहीं हो पाए , उनसे उच्चकोटि के शिक्षक होने की उमीद कैसे की जा सकती है। इस अवसर पर पात्र अध्यापक संघ हिसार के जिला प्रधान पवन चमारखेड़ा , फतेहाबाद के प्रधान बिजेंद्र लहरिया , सिरसा के प्रधान नानकचंद , जींद के प्रधान सुनील ढिल्लो , महिला नेता सुनिता लोंबरोड , सुनीता कुंडू , आरती टोहाना के अलावा सैकड़ांे की संख्या में पात्र अध्यापक उपस्थित थे।


News : NavBharat Times (17.4.12)

Monday, April 16, 2012

HTET : टीचर भरती नियमों में संशोधन होगा!


HTET : टीचर भरती नियमों में संशोधन होगा!


केंद्र के नियमों से उलट हरियाणा सरकार द्वारा बनाए गए टीचर भरती नियमों में संशोधन हो सकता है। यह संकेत शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने सोमवार को दिए। प्रदेश सरकार ने नए नियमों में प्रावधान किया है कि टीचर भरती के लिए वे लोग भी आवेदन कर सकेंगे जिन्होंने टीचर इलेजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) पास नहीं किया है लेकिन उन्हें चार साल का टीचिंग अनुभव है

प्रदेश सरकार के इस फैसले से सवा लाख टीईटी पास युवा नाराज हैं और नियमों में बदलाव वापस लेने की मांग कर रहे हैं। अब सरकार ने आंदोलन कर रहे टेस्ट पास पात्र अध्यापक संघ को बातचीत का न्योता दिया है। हरियाणा सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए चार साल पहले टीचर भरती के लिए स्टेट टीचर इलेजिबलिटी टेस्ट (स्टेट) पास करना अनिवार्य कर दिया था। उस समय देश के किसी भी राज्य में यह टेस्ट अनिवार्य नहीं था

लेकिन राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत केंद्र सरकार ने टीचर भरती के लिए यह टेस्ट अनिवार्य कर दिया। केंद्र की तर्ज पर पंजाब सरकार ने भी अपने यहां टेस्ट आयोजित किया, जिसे पास करने वालों को पंजाब सरकार ने टीचर भी नियुक्त कर लिया। इधर, हरियाणा सरकार ने अब टीचर भरती के लिए जो नियम बनाए हैं, उनमें इस टेस्ट की शर्त हटा ली है। नए नियम में प्रावधान किया गया है कि आवेदक को नियुक्ति के तीन साल के भीतर टेस्ट पास करना होगा।

News : Amar Ujala (17.4.12)

Sunday, April 15, 2012

HTET : अपात्र शिक्षकों को भर्ती लेने का विरोध


HTET : अपात्र शिक्षकों को भर्ती लेने का विरोध

गुड़गांव। शिक्षक भर्ती में अपात्र अध्यापकों को शामिल करने के सरकार के फैसले के विरोध में शनिवार को पात्र अध्यापकों ने अपने प्रमाण-पत्रों की शव यात्रा निकाल उनका दहन करने का निर्णय लिया है

अध्यापक संघ ने सरकार पर अपात्र अध्यापकों को जानबूझ कर लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि डेढ़ लाख पात्र अध्यापकों के कैरियर से खिलवाड़ करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। शनिवार को स्थानीय कमला नेहरू पार्क में आंदोलन की रूपरेखा का खाका खींचने के लिए बुलाई गई बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पात्र अध्यापक संघ के अध्यक्ष सुदीप राठी ने कहा कि रविवार को सभी पात्र अध्यापक अपने प्रमाण-पत्रों की शव यात्रा निकाल कर उनका दहन करेंगे। प्रमाण-पत्र दहन के बाद मंडलायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।

राठी ने कहा कि यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो शिक्षा व्यवस्था की पोल खेली जाएगी। जल्दी ही प्रदेश के पात्र अध्यापक यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी और राहुल गांधी के निवास पर धरना देंगे। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी सरकार शिक्षक भर्ती को लेकर गंभीर नहीं है। प्रदेश में चालीस हजार से अधिक पद रिक्त पड़े हैं। इसके अतिरिक्त प्राइमरी स्कूलों में 25 हजार से अधिक अंग्रेजी विषय के शिक्षकों के पद खाली हैं। उन्होंने कहा कि सरकार साक्षात्कार के आधार पर शिक्षकों की भर्ती करती है। जबकि दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और हिमाचल प्रदेश सहित दूसरे पड़ोसी राज्यों में साक्षात्कार की बजाय लिखित परीक्षा के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति होती है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि शिक्षक भर्ती के लिए वार्षिक कैलेंडर जारी किया जाना चाहिए

News : Amar Ujala ( 15.4.12)

Saturday, April 14, 2012

HTET : Big Cheat with TET Candidates in Haryana


HTET : Big Cheat with TET Candidates in Haryana


हरियाणा में अब टीचर भरती तजुर्बे के आधार पर
•युवाओं ने एक मई को आत्मदाह की चेतावनी दी
केंद्र ने टीईटी को माना तो हरियाणा ने नियम बदला

•डा. सुरेंद्र धीमान
चंडीगढ़। टीचर भरती की योग्यता को लेकर हरियाणा सरकार द्वारा बदले गए नियम से प्रदेश के सवा लाख युवा खुद को ठगा से महसूस कर रहे हैं। प्रदेश सरकार ने टीचर भरती के लिए टीचर इलेजिबलिटी टेस्ट (टीईटी) की अनिवार्यता समाप्त कर दी है जबकि टीईटी पास सवा लाख युवा अपनी इस काबिलियत की बदौलत नौकरी की बाट जोह रहे थे।

हुड्डा सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान जेबीटी, मास्टर और लेक्चरर पद के लिए स्टेट टीचर इलेजिबलिटी टेस्ट को अनिवार्य किया गया था। तब तक केंद्र सरकार की ओर से भी इस संबंध में कोई नियम नहीं बनाया गया था। बीते चार साल के दौरान प्रदेश में चार टीईटी टेस्ट आयोजित किए जा चुके हैं, जिनमें लाखों बेरोजगारों ने हिस्सा लेकर खुद को टीचर भरती के योग्य बनाने में सफलता हासिल कर ली है। चार साल के दौरान हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने टीईटी की शर्त पर ही एक भरती अभियान भी पूरा किया वहीं हरियाणा लोक सेवा आयोग ने लेक्चरर की भरती के लिए टीईटी पास को ही आवेदन करने के योग्य माना था
इसके बाद पूरे देश में शिक्षा का अधिकार कानून लागू करते हुए केंद्र सरकार ने हरियाणा की तर्ज पर टीईटी को टीचरों की योग्यता के रूप में पूरे देश में लागू कर दिया। लेकिन हरियाणा सरकार ने बुधवार को जारी अधिसूचना के तहत टीईटी पास की अनिवार्यता का फैसला बदल दिया है। अब चार साल टीचिंग का अनुभव रखने वाले आवेदन कर सकेंगे। प्रदेश सरकार के इस फैसले से उन सवा लाख युवाओं को धक्का लगा है जो टीईटी पास कर टीचर भरती के विज्ञापन की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
यह हमारे साथ धोखा है। हम मंडल स्तर पर 15 अप्रैल को टीईटी प्रमाण पत्रों की शव यात्रा निकालेंगे। सरकार ने सर्विस रूल्स नहीं बदले तो एक मई को टीईटी पास पात्र युवा रोहतक में चौधरी रणवीर सिंह हुड्डा समाधि स्थल पर सामूहिक आत्मदाह करेंगे। हम इन नियमों को बदलवाकर रहेंगे।

अगले सप्ताह में हम इन नियमों को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।

राजेंद्र शर्मा
अध्यक्ष, पात्र अध्यापक संघ, हरियाणा

News : PasHaryana BLOG

HTET : पात्र अध्यापकों का मंडलस्तरीय प्रदर्शन कल



HTET : पात्र अध्यापकों का मंडलस्तरीय प्रदर्शन कल

अंबाला, वरिष्ठ संवाददाता : चाल साल तक शिक्षण कार्य करने वालों को बिना पात्रता परीक्षा पास किए नौकरी के लिए आवेदन योग्य ठहराने के सरकारी फैसले के खिलाफ पात्र अध्यापक संघ ने मोर्चा खोलने का ऐलान कर दिया है। संघ ने पॉलिसी में किए गए परिवर्तन को अतिथि अध्यापकों के लिए बनाई गई कूटनीति करार दिया है। उन्हें नौकरी के लिए पात्रता परीक्षा से छूट देने की सरकारी घोषणा के विरोध में 15 अप्रैल को मंडलस्तरीय प्रदर्शन की घोषणा की गई है

मंडल सलाहकार तिलकराज की ओर से शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार पात्र अध्यापक 15 अप्रैल को छावनी के इंदिरा पार्क में एकत्रित होंगे। यहां से वे विभिन्न बाजारों में प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि पात्र अध्यापकों के साथ प्रदेश सरकार छलावा कर रही है। सरकार की ओर से 20 मार्च को भर्ती का जो शेड्यूल जारी किया गया था, उस पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने अतिथि अध्यापकों को बचाने के लिए सर्विस रूल में ही बदलाव कर दिया है। जो शिक्षक चार साल तक पढ़ाने का अनुभव प्रमाण पत्र लाने में सफल होगा, उसे भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने की घोषणा की गई है, जो कि गलत है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अतिथि अध्यापकों को पात्रता परीक्षा और इंटरव्यू में 24 नंबर की छूट देने के राज्य सरकार के एलान को खारिज कर दिया था। अब सरकार अतिथि अध्यापकों को सीधे तौर से लाभ नहीं दे सकी, तो उन्हें कूटनीति के जरिये लाभ दिया जा रहा है। इसका पात्र अध्यापक संघ पुरजोर विरोध करेगा और अपने हितों की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं


News : Jagran

Friday, April 13, 2012

HTET Haryana : पात्र व् गेस्ट टीचरों की लड़ाई में "तीसरे " की मोज



HTET Haryana : पात्र व् गेस्ट  टीचरों की लड़ाई में "तीसरे " की मोज 

भर्ती बोर्ड के नुए फरमान से निजी स्कूलों में ४ साल से पड़ने वाले अध्यापकों को भी मिलेगा मोका 



News : Panjab Kesri

HTET : Supreme Court of India : Continuance of Guest Teachers in Haryana till regular teachers not appointed

HTET : Supreme Court of India : Continuance of Guest Teachers in Haryana till regular teachers not appointed


For authenticated copy, Contact Supreme Court of India
See Judgement :
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S U P R E M E C O U R T O F I N D I A
RECORD OF PROCEEDINGS

Petitions(s) for Special Leave to Appeal (Civil)....../2012
CC 5956-5957/12

(Under Article 136 of the Constitution against the final judgment and order dated 30/03/2011 passed by the High Court of Punjab & Haryana at Chandigarh in CWP No.6090 of 2010 and against the final judgment and order dated 15/03/2012 passed by the High Court of Punjab and Haryana at Chandigarh in Civil
Misc.No.17483 of 2011)

NARESH KUMAR & ORS.ETC.ETC. Petitioner(s)

VERSUS

STATE OF HARYANA & ORS.ETC. Respondent(s)

(With appln(s) for permission to file SLP and with prayer for interim relief )

WITH SLP(C) NO. 10818 of 2012

(With appln.(s)for exemption from filing c/c of the impugned judgment and permission to place addl.documents on record and with prayer for interim relief and office report)

Date: 30/03/2012 
These Petitions were called on for hearing today.

CORAM :
HON'BLE MR. JUSTICE ALTAMAS KABIR
HON'BLE MR. JUSTICE SURINDER SINGH NIJJAR

For Petitioner(s) Mr. G.E.Vahanvati, A.G.I.
in SLP(C)10818/12 Mr. H.S. Hooda, A.G.Haryana.
Mr. Rohit Sharma, Adv.
Mr. Abhijat P.Medh, AOR.

Sri Gopal Subramanium, Sr. Adv.
in SLP(C)..../12 Ms. Indu Malhotra, Sr. Adv.
CC 5956-5957/12 Ms. Mahalakshmi Pavani, Adv.
Sri G.Balaji, Adv.
SLP(C)...CC 5956-5957/12,etc.

2

Ms. Chinmaya Chandra, Adv.
Sri Mukesh Kumar Singh, Adv.
for M/S.Mahalakshmi Balaji & Co.,Advs.

For Respondent(s) Mr. K.V. Vishwanathan, Sr. Adv.
Mr. John Mathew,AOR.

UPON hearing counsel the Court made the following
O R D E R

1. Permission to file SLPs granted.

2. Three Special Leave Petitions have been filed,two by Mr. Naresh Kumar & Ors., in SLP(C)......CC Nos.5956-5957 of 2012,against the final judgment and order dated 30th March, 2011, passed in CWP No.6090 of 2010 and the final judgment and order dated 15th March, 2012, in Civil Misc.No.17483 of 2011, passed by the Punjab & Haryana High Court, and SLP(C)No.10818 of 2012, filed by the State of Haryana against the final judgment and order dated 15th March, 2012, passed by the Punjab & Haryana High Court in C.M.No.17483/11 in Civil Writ Petition No.6090 of 2010.

3. The subject-matter of all the three Special Leave Petitions is with regard to the appointment of 'Guest Teachers' and their continuance, without recruitment of teachers in the various educational institutions, by the
regular process of recruitment. The issue involved appears to have been considered by the Punjab & Haryana High Court, in several matters, since quite some time.In fact, we have been able to glean from the facts as disclosed that this issue came up for consideration before the Division Bench of the Punjab & Haryana High
Court in CWP No.6090 of 2010, which has been questioned in SLP(C)......CC 5956-5957 of 2012.

The said writ petition was disposed of by the judgment and order of the Punjab & Haryana High Court dated 30th March, 2011, wherein it was mentioned that the specific challenge which had been made in the writ petition was with regard to the decision of the respondents to extend the services of 'Guest Teachers' appointed under contract basis in various Government schools of the State of Haryana
In the said Writ Petition, it was also indicated that the extension was proposed for a further period of one year with effect from 1st April,2011.

Incidentally, the respondent No.6 in the said writ petition is duly represented before us and he is a candidate for consideration for appointment in the regular course.The said Writ Petition was disposed of in terms of a
schedule, which had been prepared by the respondent-authorities, and the Division Bench of the Punjab & Haryana High Court made it very clear that while it would be open to the State to extend the tenure of the' GuestTeachers' at all levels, such extension should not be beyond 31st March,2012. It was also indicated that on the expiry of the said date, i.e.31st March, 2012, services of all the 'Guest Teachers' should be understood to have lapsed in terms of the said judgment and it would not be open for the State to continue such 'Guest Teachers' in service. It is,in fact, the said directions which had led to the filing of the Special Leave Petitions. The Division Bench had also indicated that there would be no further appointment of 'Guest Teachers' during the next Academic year, starting from 1st April, 2011, and the short-fall,if any, in the
availability of teachers would have to be made up by the State by undertaking a fresh process/ exercise of posting and re-posting of teachers according to the needs of each school.

Various other directions were also given regarding appointment of teachers on regular basis.

4. Mr. Gopal Subramanium, learned senior advocate, appearing for the petitioners in the said Special Leave Petitions, has submitted that the direction referred to herein above given by the Division Bench of the High Court would create a situation in which after 1st April, 2012, there would be no teachers available in
place of the 'Guest Teachers' and unless the directions was extended till at least regular appointments were made, the students in the various institutions would suffer. Of course,

Mr. Vishwanathan, learned senior counsel, has also voiced his apprehension that this may lead to continuance of the process of continuing with the 'Guest Teachers'.

5. The other Special Leave Petition has been filed by the State of Haryana, in regard to the order passed by the Division Bench of the High Court on 15th March, 2012,in C.M.No.17483/11 in Civil Writ Petition No.6090 of 2010. By the said order, the Division Bench of the High Court rejected the prayer of the State of Haryana for extension of time to implement the directions contained in the order dated 30th March, 2011.

The learned Attorney General for India, appearing for the State of Haryana, however, brought to our notice an order subsequently passed by the same Division Bench on 20th March, 2012, whereby a scheme for filling up the vacant posts in order to comply with the directions contained in the order of 30th March, 2011, had been placed before the Court and the same had been accepted, in fact, a prayer had been made for about ten months' time to give effect to the said scheme. The learned Attorney General for India pointed out that in the said order, the Court had observed that in view of the scheme it was no longer necessary for the Court to monitor the actions of the State any further. 

On the contrary, the Court deemed it appropriate to close the writ petition, which was in the nature of a public interest litigation, by directing the State of Haryana to initiate and comply with and take necessary action in terms of the averments made in the affidavit dated 19th March, 2012, affirmed by the Financial Commissioner and Member Secretary to the Government of Haryana, School Education Department, and to adhere to the time schedule mentioned in the said affidavit.

6. The learned Attorney General for India, submitted that there being two contrary directions, one passed on 15th March, 2012, and the other on 20th March, 2012, accepting the scheme, and, in fact, extending the time for giving effect to the scheme, the State of Haryana had filed the Special Leave Petition to clarify the differences in the two orders.

7. Having heard the learned Attorney General for India, Mr. Subramanium and Mr. Vishwanathan, learned senior advocates, for the parties and also keeping in mind the submissions made by Mr. Vishwanathan, that the intention of the Division Bench of the High Court was that no further appointments of 'Guest Teachers' should be made after 1st April, 2012, and that the vacancies should be filled up by posting and reposting
teachers in the different institutions, we feel that the two things should really be kept separate,notwithstanding the apprehension voiced by Mr. Vishwanathan, that this could lead to continuance of appointment of 'Guest Teachers'.

8. We make it very clear that as directed by the Division Bench of the High Court, no fresh appointments of 'Guest Teachers' will be made from 1st April, 2012. However, since students also cannot be made to suffer on account of the delay in the appointment of regular teachers, we direct that the exercise indicated in the
scheme,must be completed within the time specified in the scheme and no further extension or deviation therefrom will be permitted.

9. Till then, the 'Guest Teachers' may be allowed to continue to function, as they have been doing so far.

10. We once again reiterate that the recruitment of teachers on the regular basis shall not be supplemented or replaced by this procedure of appointing 'Guest Teachers' for the sake of convenience.

11. The Special Leave Petitions are disposed of with the aforesaid observations.

12. There will be no orders as to costs.

(Sheetal Dhingra) (Juginder Kaur)
COURT MASTER Assistant Registrar


Source : http://courtnic.nic.in/supremecourt/temp/pc%205956-595712p.txt
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HTET : Suhasini - TET Qualified Candidates will do Collective Suicide



पात्र अध्यापक करेंगे सामूहिक आत्मदाह : सुहासिनी
(HTET :  Suhasini - TET Qualified Candidates will do Collective Suicide )

पानीपत, जागरण संवाद केंद्र : सरकार के फैसले के विरोध में पात्र अध्यापक 1 मई को मजदूर दिवस पर सामूहिक आत्मदाह करेंगे। अतिथि अध्यापकों को चाहे कितना भी वक्त सरकार दे, लेकिन वे पात्रता परीक्षा पास नहीं कर सकते हैं। यह बात पात्र अध्यापक संघ की महिला विंग की प्रदेशाध्यक्ष अर्चना सुहासिनी ने कही

उन्होंने कहा कि सरकार चार साल के अनुभवी शिक्षकों को मौका देना चाहती है। सरकार के फैसले से वे 2015 तक पात्रता परीक्षा पास कर सकते हैं। अतिथि अध्यापकों को एक की बजाए चार मौके दिए जाएं, लेकिन बात वही ढाक के तीन पात होगी। नकली डिग्रियों के सहारे एचटेट पास नहीं कर सकेंगे। रोहतक स्थित संविधान स्थल पर 1 मई को पात्र अध्यापक संघ प्रमाणपत्रों की शव यात्रा निकालेंगे। 15 अप्रैल को मंडल स्तर पर प्रदर्शन किए जाएंगे। सरकार के फैसले के विरोध में सामूहिक आत्मदाह भी करेंगे। सरकार के इस कदम से गुणात्मक शिक्षा का अर्थ ही नहीं रह जाता है। सरकारी स्कूलों में शिक्षक योग्य होंगे तभी छात्र डॉक्टर, इंजीनियर व आइएएस बनेंगे।

जिलाध्यक्ष रविंद्र शर्मा ने बताया कि सिविल अस्पताल पानीपत में पात्र अध्यापकों की बैठक 14 अप्रैल को बुलाई गई है। बैठक के बाद जिला स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा। दोपहर दो बजे से विरोध प्रदर्शन शुरू होगा। शिक्षक इस प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। आत्म मौर्य ने कहा कि सरकार चंद वोटों की खातिर इस तरह का कदम उठा रही है। उन्हें पात्र अध्यापकों के सवा लाख वोट दिखाई नहीं दे रहा है। पहले पात्रता परीक्षा ली गई। अब चार साल के अनुभव रखने वाले अध्यापकों को ही भर्ती में शामिल किया जा रहा है। पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों के साथ मजाक है। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने सभी प्रदेशों में पात्रता परीक्षा अनिवार्य कर दी है। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले इस परीक्षा को लागू किया था। अब इसका उल्लंघन कर अतिथि अध्यापकों को मौका देना चाहते हैं। पात्रता परीक्षा पास अध्यापक हक प्राप्त करने के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हैं।

News : Jagran (12.4.12)
http://www.jagran.com/haryana/panipat-9129154.html
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Candidates should not think suicide, they should think alternatives of new ways.
Suicide is NOT good .
But government should also think , When they conduct TET exam ,
what is its purpose of it ?
Else they NOT conduct exam . NOT made rules.
But when rules made then it should be followed in the interest of nation.
Why a person give TET exam when it is of NO USE.

Sunday, April 8, 2012

Chandigarh - 219 टीजीटी शिक्षकों की भरती

Chandigarh - 219 टीजीटी शिक्षकों की भरती


चंडीगढ़ शिक्षा विभाग एसएसए के तहत भरेगा खाली पद



चंडीगढ़। बीएड के साथ सीटीईटी (सेंट्रल एलिजिबिल्टी टेस्ट) क्लीयर कर चुके हजारों युवाओं के लिए खुशखबरी है। शिक्षा विभाग चंडीगढ़ ने ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर (टीजीटी) के 219 पदों को भरने की तैयारी कर ली है। भरती प्रक्रिया शेड्यूल और नियमों को फाइनल कर दिया गया है। अप्रैल के पहले सप्ताह में इन पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी करेगा।
शिक्षकों को प्रतिमाह 20,900 वेतन दिया जाएगा और इस पद के लिए 21 से 35 आयु वाले युवा भरती के लिए आवेदन कर सकेंगे। आवेदन से लेकर ज्वाइनिंग तक की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। इस संबंध में चंडीगढ़ एसएसए वेबसाइट पर पूरी जानकारी मिलेगी। वर्ष 2008 में शिक्षक भरती घोटाले के बाद इस बार भरती में इंटरव्यू का प्रावधान ही नहीं रखा गया है।
पंजाब, हरियाणा टीईटी वाले भी कर सकेंगे आवेदनः
जेबीटी की तरह ही टीजीटी पदों की भरती में पंजाब और हरियाणा की ओर से हुए पीटेट और एचटेट (शिक्षक पात्रता परीक्षा) पास करने वाले युवा भी आवेदन कर सकते हैं।
कैसे बनेगी भरती की मेरिट ः
शिक्षक भरती में प्रत्येक डिग्री के अंक रखे गए हैं। मेरिट में ग्रेजुएशन के 20, बीएड के 20, संबंधित विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन के 5, एमएड 2, एमफिल 1 और पीएचडी के 2 अंक रखे गए हैं। उधर, सीटीईटी के 50 अंक निर्धारित किए हैं। मेरिट में समान अंक होने पर सीटीईटी में अधिक अंक पाने वाले कैंडीडेट को वरीयता दी जाएगी।
सोशल स्टडी में सबसे अधिक पद
टीजीटी के कुल 219 पदों में सबसे अधिक एसएसटी के 42 पद हैं जबकि गणित के 36, ज्योग्राफी 15, अंग्रेजी 25, साइंस (नॉन मेडिकल) 30, साइंस (मेडिकल) 18, हिंदी 39, पंजाबी के 14 पदों पर भरती होगी। इन पदों में से 55 फीसदी जनरल, 27 ओबीसी, 15 फीसदी एससी, 3 फीसदी पीएच और 10 फीसदी एक्स सर्विसमैन कोटे से भरे जाएंगे।
टीजीटी पदों को भरने के लिए विभाग तैयारी कर रहा है। दो महीने के अंदर भरती प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। भरती एकेडमिक अंकों की मेरिट पर होगी। अगले हफ्ते तक विज्ञापन जारी कर दिया जाएगा।
संदीप हंस, डीपीआई स्कूल चंडीगढ़ 



Haryana School Teachers Selection Board - HSTSB PGT Recruitment

Thursday, April 5, 2012

HTET Haryana : Fight for Permanent Teacher between Guest Teacher and Eligible Teacher intense



अतिथि एवं पात्र शिक्षकों में खिंची तलवारें!
(HTET Haryana : Fight for Permanent Teacher between Guest Teacher and Eligible Teacher intense )

चंडीगढ़, 5 अप्रैल। हरियाणा सरकार द्वारा नियुक्त किए गए अतिथि अध्यापकों एवं पात्रता परीक्षा पास शिक्षकों के बीच टकराव के हालात बनते दिख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरियाणा सरकार को नियमित शिक्षकों की भर्ती के लिए करीब एक वर्ष का समय और दिए जाने के बाद पात्रता परीक्षा पास शिक्षकों का गुस्सा और बढ़ गया है। इधर, अतिथि अध्यापक लगातार सरकार पर उन्हें नियमित करने के लिए दबाव बनाए हुए हैं
ऐसे में सरकार दोनों पक्षों के बीच फंसी हुई दिख रही है। अगर देखा जाए तो सरकार के सामने आगे कुआं, पीछे खाई वाली स्थिति बनी हुई है। वह न तो अतिथि अध्यापकों को हटा पा रही है और न ही नियमित भर्ती करके पात्र शिक्षकों को एडजेस्ट कर पा रही है। ऊपर से लगातार कोर्ट-कचहरी के चक्कर। हालांकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर सुप्रीम कोर्ट से सरकार को राहत तो मिल गई है ङ्क्षकतु करीब एक वर्ष बाद क्या स्थिति होगी, इसको लेकर अभी से मंथन का दौर शुरू हो गया है

राजनीतिक रूप से इसका बड़ा कारण यह भी माना जा रहा है कि एक वर्ष के बाद सरकार द्वारा लिया जाने वाला कोई भी फैसला सीधा-सीधा आगामी विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों पर असर डाल सकता है। शायद, यही सबसे बड़ी उलझन है, जिसको लेकर सरकार कुछ ज्यादा ही गंभीर दिख रही है। कहने को तो कानूनी जानकारों की भी मदद ली जा रही है ङ्क्षकतु दो पाटों के बीच फंसी हुड्डा सरकार इस ‘संकट’ से कैसे निकलती है इस पर सभी की नज़रें टिकी हुई हैं।
वर्तमान में हरियाणा में शिक्षकों के लगभग तीस हजार पद रिक्त पड़े हुए हैं। सरकार द्वारा पंद्रह हजार से अधिक गेस्ट टीचर विभिन्न सरकारी स्कूलों में लगाए हुए हैं। वहीं एक लाख से अधिक युवा ऐसे हैं, जिन्होंने सरकार द्वारा निर्धारित किए गए अध्यापक पात्रता परीक्षा को पास किया हुआ है। ये खाली पद पुराने अनुपात के हिसाब से हैं। अब चूंकि हुड्डा सरकार प्रदेश में शिक्षा के अधिकार अधिनियम को लागू कर चुकी है। ऐसे में तीस विद्याॢथयों पर एक शिक्षक की नियुक्ति अनिवार्य है। ऐसे में खाली पदों का आंकड़ा पचार हजार को पार कर जाता है

यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हुड्डा सरकार को नियमित भर्ती के लिए 322 दिन का समय दिया है। हालांकि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 31 मार्च तक सभी अतिथि अध्यापकों को रिलीव करने के आदेश दिए थे और नियमित भर्ती करने को कहा था। इस फैसले को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर सरकार को यह समय मिला। गेस्ट टीचरों का कहना है कि उन्हें पढ़ाते हुए पांच साल से अधिक का अनुभव हो चुका है। ऐसे में नियमित भर्ती में उन्हें प्राथमिकता मिलनी चाहिए। वहीं पात्र शिक्षकों उन्हें हटाने और नियमित भर्ती की मांग पर अड़े हुए हैं


News : Denik Tribune (6.4.12)

HTET Board is Challenged in Highcourt


HTET Board is Challenged in Highcourt

नवंबर में हुई हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा (एच टेट) के परीक्षार्थियों ने ग्रेस माक्र्स दिए जाने की मांग पर बोर्ड द्वारा गठित एक्सपर्ट कमेटी को हाईकोर्ट में चैलेंज किया है। कोर्ट में इस मामले में बोर्ड प्रशासन को 26 अप्रैल तक अपना जवाब पेश करने को कहा है।

एच टेट परीक्षार्थियों ने ग्रेस माक्र्स मामले पर गठित बोर्ड की एक्सपर्ट कमेटी को हाईकोर्ट में चैलेंज किया है। परीक्षार्थियों द्वारा दायर की याचिका में कहा गया है कि बोर्ड प्रशासन द्वार गठित एक्सपर्ट कमेटी ने परीक्षार्थियों को कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने का कोई मौका नहीं दिया। इसके अलावा परीक्षार्थियों द्वारा गलत प्रश्नों के संबंध में जो सबूत बोर्ड प्रशासन के सामने रखे थे, बोर्ड एक्सपर्ट कमेटी ने उन पर कोई विचार नहीं किया

फिलहाल हाईकोर्ट ने बोर्ड प्रशासन को अपना जवाब रखने के लिए 26 अप्रैल तक का समय दिया है। ग्रेस मार्क की मांग को लेकर परीक्षार्थियों ने हाईकोर्ट में अपील की थी, जिस पर कोर्ट ने 8 फरवरी को हुई सुनवाई में अगले तीन दिनों में परीक्षार्थियों को अपनी समस्याएं बोर्ड प्रशासन के सामने रखने और उसके बाद 14 दिनों के अंदर बोर्ड प्रशासन को परीक्षार्थियों की समस्या का समाधान करने को कहा था।

हालांकि बोर्ड ने 15 दिन में परीक्षार्थियों की समस्या का समाधान नहीं किया, जिसके बाद परीक्षार्थी ने बोर्ड के खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवमानना का केस कर दिया। मगर बोर्ड प्रशासन ने परीक्षार्थियों से थोड़ी मोहलत मांगी और उन्हें एक एक्सपर्ट कमेटी बैठाकर उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया था और कुछ दिनों पर बोर्ड प्रशासन ने परीक्षार्थियों को एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट सौंप दी, जिसमें कहा गया था कि जिन प्रश्नों पर परीक्षार्थियों ने आपत्ति उठाई है, वो सभी सही है।

॥हमने कोर्ट में बोर्ड प्रशासन की एक्सपर्ट कमेटी के खिलाफ याचिका दायर की है, जिसमें कोर्ट ने बोर्ड प्रशासन को 26 अप्रैल तक अपना जवाब पेश करने को कहा है। - जगबीर मलिक, वकील, हाईकोर्ट

Lecturer Recruitments in Haryana


Lecturer Recruitments in Haryana 


आने वाला समय लेक्चरर पद की योग्यता रखने वालों के लिए सुनहरा रहेगा। जल्द ही प्रदेश में 25450 हेडमास्टर व लेक्चरर के पदों पर भर्ती होगी। इसमें सबसे ज्यादा फायदा माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों को होगा। 15 हजार, 905 मास्टर को वरिष्ठता सूची व योग्यता के आधार पर हेडमास्टर व लेक्चरर बनाया जाएगा, जबकि 9 545 सीटों के लिए सीधी भर्ती की जाएगी। शिक्षा विभाग ने नए पदों की स्वीकृति दे दी है। इसके साथ ही अब वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में लेक्चरर के पद 12605 से बढ़कर 32281 हो गए हैं।
निदेशालय की तरफ से सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में लेक्चरर संख्या व वर्कलोड को देखते हुए विद्यालयों में नए पदों का सृजन किया गया है। इसके अनुसार राज्य के माध्यमिक विद्यालयों की देखरेख व कार्यभार के लिए 5548 हेडमास्टर के पद स्वीकृत किए गए हैं। मुख्याध्यापाकों को मास्टर व सीएंडवी कैडर से पदोन्नति दी जाएंगी। 10357 सीएंडवी व मास्टर कैडर शिक्षकों को योग्यता के आधार पर लेक्चरर बनाया जाएगा। इसके अलावा खाली पड़े 9545 लेक्चरार पदों के लिए सीधी भर्ती करने का प्रस्ताव है।
विद्यार्थियों के अनुपात के हिसाब से वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में सृजित किए गए पद विषय >>पहले >>अब
अंग्रेजी >>1993 >>4642
हिंदी >>1973 >>4129
गणित >>700 >>4750
भौतिकी >>431 >>1979
रसायनशास्त्र >>432 >>1979
जीवविज्ञान >>225 >>1376
गृहविज्ञान >>92 >>471
संगीत >>43 >>135
इतिहास >>1641 >>1698
राजनीतिक विज्ञान >>1667 >>1725
भूगोल >>301 >>1322
अर्थशास्त्र >>1218 >>1722
समाजशास्त्र >>158 >>654
मनोविज्ञान >>20 >>414
पंजाबी >>117 >>841
संस्कृत >>845 >>2968
उर्दू >>1 >>41
फाइन आर्ट >>30 >>1112
कॉमर्स >>451 >>882
शारीरिक शिक्षक >>21 >>174
कंप्यूटर साइंस >>226 >>226
लोकप्रशासन >>5 >>5
विषय विशेषज्ञ >>15 >>15
कुल >>12605 >>2281