Wednesday, January 23, 2013

Haryana :जेबीटी की तरह सेकेंडरी शिक्षक भर्ती की भी जांच करे सीबीआइ


Haryana :जेबीटी की तरह सेकेंडरी शिक्षक भर्ती की भी जांच करे सीबीआइ


 नई दिल्ली : आइएएस संजीव कुमार ने सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में कहा था कि जिस तरह का घोटाला जेबीटी शिक्षकों की भर्ती में हुआ है, ठीक उसी तरह का घोटाला सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय के तहत शिक्षकों के मामलों में भी किया गया था। जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच तो हो ही चुकी है, मगर सेकेंडरी शिक्षकों की भर्ती की कोई जांच नहीं हुई। यह टिप्पणी करते हुए रोहिणी कोर्ट के विशेष सीबीआइ जज विनोद कुमार ने सीबीआइ को निर्देश दिया है कि वह इस मामले में आगे फिर से जाच करे। अदालत ने उन डिप्टी कमिश्नर (डीसी) व एसडीएम पर भी सवाल उठाया है जिन्होंने इस मामले में जिला चयन समिति के चेयरपर्सन व सदस्यों पर पूर्व निर्धारित हलफनामों पर हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया था। अदालत ने कहा कि यह गंभीर मामला है क्योंकि ये हलफनामे बाद में इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में सरकार की तरफ से जवाब दायर करते समय प्रयोग किए गए थे। इसीलिए अदालत सीबीआइ को निर्देश देती है कि इस मामले की जाच की जाए और दोषी अधिकारियों की पहचान की जाए। ऐसे में अगर पर्याप्त सबूत मिलते हैं तो इन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए जाएं।

अदालत ने कहा कि उन शिक्षकों को नौकरी में रहने का कोई हक नहीं है, जिन्होंने फर्जी साक्षात्कार लिस्ट के आधार पर नौकरी पाई है। यह टिप्पणी करते हुए अदालत ने कहा है कि अदालत हरियाणा सरकार को कोई निर्देश नहीं दे रही है परतु यह अदालत का सुझाव है। इस मामले को खुद ओमप्रकाश चौटाला, अजय सिंह चौटाला व शेर सिंह बड़शामी के वकील ने अदालत के समक्ष उठाया कि उन शिक्षकों को नौकरी में रहने का क्या हक है जिनको इस घोटाले के तहत नौकरी मिली थी। अदालत ने इस दलील को गंभीरता से लिया और यह आदेश दिया है।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि जिन शिक्षकों को लाभ पहुचाया गया था, उनको साक्षात्कार में बीस में से 17 या उससे ज्यादा अंक दिए गए। अदालत ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह नौकरी पाने वाले षड्यंत्र में सह-आरोपी होते हैं। ऐसे में सरकार चाहे तो बाकी उम्मीदवारों की सूची इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में दायर सूची के आधार पर तैयार कर सकती है। वहीं जहा तक कुरुक्षेत्र, पानीपत व रोहतक जिले की बात है तो इनकी कोई सूची दाखिल नहीं हुई थी। ऐसे में इन जिलों की सूची शैक्षणिक आधार पर या फिर से साक्षात्कार लेकर तैयार की जा सकती है


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ब्लॉग संपादक के विचार -
ये घोटाला तो सामने आ गया तो पता चल गया , 
सरकरी भर्ती में इंटरविउ क्या होता है , लोगों को नहीं पता क्या 
सभी तरह की सरकारी भर्तीयों में  इंटर विउ की वीडियो ग्राफी (जैसे रेलवे स्टेशनों पर सी सी टी वी केमरा लगा होता है )
 अनिवार्य रूप से की जानी चाहिए 
जहाँ तक संभव हो एप्टीत्युड टेस्ट आयोजित किये जाने चाहिए 

सरकारी दफ्तरों में भी भ्रस्टाचार रोकने के लिये सी सी टी वी केमरे लगा देने चाहिए 

Thursday, January 17, 2013

HARYANA : घूस लेने वाले जेल गए, देने वाले पढ़ा रहे हैं


HARYANA : घूस लेने वाले जेल गए, देने वाले पढ़ा रहे हैं

तीन हज़ार से ज़्यादा शिक्षकों को गैरकानूनी रूप से भर्ती करने के आरोप में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे तो गिरफ्तार हो गए हैं लेकिन शिक्षकों की नौकरी बरक़रार है.

हरियाणा सरकार के एक अधिकारी ने पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बीबीसी को बताया कि इस मुकदमे में शिक्षकों को पार्टी नहीं बनाया गया और इसीलिए उन पर इस फैसले का कोई असर नहीं पड़ा है

अधिकारी के मुताबिक़ ये सभी अध्यापक अब भी अपनी नौकरी कर रहे हैं.

दिसंबर 1999 और जनवरी 2000 में साक्षात्कार के बाद हरियाणा के 18 ज़िलों में 3,206 शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी.

जांच के बाद पता चला कि चुने गए शिक्षकों की सूची को सितंबर 2000 में फर्ज़ी सूची से बदल दिया गया.

लाखों की रिश्वत

दिल्ली की एक अदालत 22 जनवरी को ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे समेत 53 लोगों को सज़ा सुनाएगी.

इन पर आरोप था कि सभी 3,206 शिक्षकों में हर एक से तीन से चार लाख रुपये की रिश्वत ली गई.

सीबीआई के अधिकारियों का कहना है कि खुद चौटाला ने तत्कालीन निदेशक (प्राथमिक शिक्षा) संजीव कुमार को इस बारे में लिखित आदेश दिया. संजीव कुमार भी इस मामले में अभियुक्त बनाए गए हैं.

इस घोटाले के वक्त हरियाणा के शिक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी भी चौटाला के पास थी. उन्होंने कुमार से कहा कि वो इंटरव्यू की फर्जी सूची तैयार करें.

ये घोटाला उस समय सामने आया जब कुमार एक याचिका के साथ अदालत पहुंचे और उन्होंने इंटरव्यू की मूल सूची दिखाई.

संजीव कुमार के अलावा उन लोगों ने भी अदालत का दरवाजा खटखटाया जिन्हें भर्ती में चुना नहीं गया

News Source : http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/01/130117_chautala_bribe_da.shtml


Wednesday, January 16, 2013

Haryana - शिक्षक भर्ती घोटाला: पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला और विधायक बेटे समेत 55 दोषी करार



शिक्षक भर्ती घोटाला: पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला और विधायक बेटे समेत 55 दोषी करार

बेटे के साथ तिह़ाड जेल गये चौटाला


नई दिल्ली। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोकदल (आइएनएलडी) के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी पाये गये हैं। चौटाला के साथ इस मामले में उनके पुत्र अजय चौटाला समेत 54 और लोगों को भी सीबीआइ कोर्ट ने दोषी करार दिया है। फैसला आने के बाद ओमप्रकाश चौटाला सहित सभी दोषियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सभी के खिलाफ सजा का एलान 22 जनवरी को किया जायेगा। 

सीबीआइ स्पेशल कोर्ट के जज विनोद कुमार ने बुधवार को चौटाला, उनके बेटे तथा अन्य को आइपीसी तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी ठहराया है। चौटाला के अलावा तत्कालीन बेसिक एजुकेशन डायरेक्टर संजीव कुमार, चौटाला के पूर्व विशेष अधिकारी विद्याधर तथा हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री चौटाला के राजनीतिक सलाहकार शेर सिंह ब़डशामी को भी अदालत ने दोषी ठहराया किया है। अदालत ने सजा पर जिरह सुनने के लिए 17, 19 और 21 जनवरी की तारीख तय की है। 

गौरतलब है कि सीबीआइ तथा बचाव पक्ष के वकीलों की अंतिम बहस पूरी होने के बाद अदालत ने 17 दिसंबर 2012 को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में कुल 62 लोगों को आरोपी बनाया गया था। छह आरोपियों की मौत हो चुकी है, जबकि एक को आरोपमुक्त किया जा चुका है। गौरतलब है कि 1999- 2000 में राज्य के 18 जिलों में हुई 3206 जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) शिक्षकों की भर्ती के मामले में मानदंडों को ताक पर रखकर मनचाहे लगों की बहाली की गयी थी। 

इसके लिए शिक्षकों की भर्ती की जिम्मेदारी कर्मचारी चयन आयोग से लेकर जिला स्तर पर बनायी गयी चयन कमेटी को सौंपी गयी थी, जिसने फर्जी इंटरव्यू के आधार पर चयिनत अभ्यर्थियों की सूची तैयार की थी। इसके लिए जिलास्तरीय चयन कमेटी में शामिल शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर मनचाहे अभ्यर्थी के चयन के लिए बैठकों में दबाव भी बनाये गये थे। अदालत द्वारा दोषी ठहराये गये लोगों में 16 महिलाएं भी शामिल हैं