HTET : शिक्षक के पद खाली, आवेदक बने सवाली
पीजीटी शिक्षकों के आए परिणामों में कई विषयों के पद रह गए खाली, पद ज्यादा एचटेट पास कम
विकास बत्तान. कुरुक्षेत्र
प्रदेश में शिक्षक भर्ती के लिए बनाए गए अध्यापक भर्ती बोर्ड की ओर से निकाले गई पीजीटी शिक्षक भर्ती के परिणाम चौंकाने वाले हैं। प्रदेश में शिक्षकों के पद खाली हैं और आवेदक सवाली बने हैं। पीजीटी शिक्षक भर्ती आवेदक सवाल उठा रहे हैं कि एक ओर तो बोर्ड भर्ती के नियमों को कड़ा बना रहा है वहीं दूसरी ओर ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को सरकारी शिक्षा दिलाने का दावा भी कर रहा है। यह दोनों विरोधाभाषी बातें लगती हैं। जिसपर आवेदकों ने भर्ती नियमों में ढील देने की मांग उठाई है। खास बात तो यह भी है कि पीजीटी के कई विषयों में पद ज्यादा हैं लेकिन एचटेट पास उम्मीदवार कम हैं। इससे साफ है कि प्रदेश में पीजीटी शिक्षक के कई विषयों के पद खाली ही रहेंगे।
चौंकाने वाले परिणाम
अप्रैल महीने में घोषित पीजीटी शिक्षक के परिणामों में गणित विषय के लिए कुल 2057 पदों के लिए भर्ती निकाली गई थी। जिनमें से 1055 पद खाली पड़े हैं। इसी तरह पीजीटी केमेस्ट्री में 1083 पद विज्ञापित किए गए जिनमें से 211 पद भरे नहीं जा सके। फिजिक्स में 1131 पद निकाले गए थे, जिनमें से 518 पद खाली हैं। पीजीटी ज्योग्राफी में 710 पद थे, जिनमें से 251 खाली हैं। पीजीटी सोशोलॉजी में 350 पद थे, जिसमें से 195 पद नहीं भरे जा सके। पीजीटी होम साइंस में 276 पद विज्ञापित किए। जिनमें से 192 पद खाली रह गए। पीजीटी पंजाबी में 502 पद विज्ञापित थे, जिसमें से 89 पद खाली हैं। इसी तरह उर्दू में छह पद विज्ञापित किए गए जिनमें से एक पद खाली है।
एचटेट पास हैं कम
प्रदेशभर में अब तक गणित विषय के लिए कुल 846, केमिस्ट्री के लिए 921, फिजिक्स के लिए 459, जियोग्राफी के लिए 271, साइकोलॉजी के लिए 105 और होम साइंस के लिए 83 विद्यार्थियों ने एचटेट पास किया है। वर्ष 2008 से 2011 तक के ये आंकड़े साफतौर पर बता रहे हैं कि एचटेट पास आवेदकों की संख्या कितनी कम है।
कॉलेज में योग्य, स्कूल में अयोग्य
सोशोलॉजी से नेट कर चुकी मनीता, पंजाबी से पीएचडी कर चुके रामचंद्र, गणित में नेट पास परमजीत और जियोग्राफी में नेट संदीप ने कहा कि यह पूरी तरह से अन्याय है कि नेट व पीएचडी पास करने के बावजूद उन्हें पीजीटी शिक्षक के लिए योग्य नहीं माना जा रहा। यह विडंबना है कि कॉलेज शिक्षक बनने के लिए तो वे योग्य हैं और स्कूल में जूनियर लेक्चरर बनने के लिए उन्हें अयोग्य ठहराया जा रहा है। मनीता ने कहा कि पीएचडी, एमफिल और नेट से बड़ी तो कोई योग्यता नहीं होती। इसके बावजूद उन्हें पीजीटी शिक्षक भर्ती से बाहर करना अनुचित है। इसलिए अध्यापक भर्ती बोर्ड, शिक्षा विभाग व प्रदेश सरकार को इस दिशा में गंभीरता से सोचना चाहिए
News Sabhaar/ source : Bhaskar (Apr 25, 2013, 06:00AM IST)
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