HTET : शिक्षक भर्ती बोर्ड के नियम बने आवेदकों के लिए सिरदर्द
झज्जर, 9 जून (निस)। लंबे अरसे के बाद पीजीटी के विभिन्न विषयों के लिए 15 हजार शिक्षकों की भर्ती के नियम आवेदकों के गले नहंी उतर रहे। नए नियम बनाते हुए न तो पुराने शिक्षित आवेदकों का ध्यान रखा गया और न ही नयों के लिए एक जैसे नियम हैं। बीएड की अनिवार्यता को लेकर दोहरा मानदंड है तो बीए तक दो कक्षाओं के लिए अच्छा अकादमिक रिर्काड कालेज स्तर से स्कूल स्तर पर लाया गया है। जिससे पुराने शिक्षित लोग आवेदन ही नहीं कर पाएंगे। अनुभव का प्रमाण पत्र बनवाना भी जटिल किया गया है।
दो दिन पूर्व विभिन्न समााचार पत्रों में पीजीटी के 15 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए हरियाणा शिक्षक भर्ती बोर्ड ने रिक्तियां घोषित की हैं। इनके घोषित होने के साथ ही नियमों की चर्चा तेज हो गई है। बोर्ड द्वारा बनाए गए नए नियम आवेदकों के गले नहीं उतर रहे। खास बात यह है कि आवेदकों को फार्म भी ऑन लाइन भरना है और किसी भी योग्यता को यदि आवेदक पूरा नहीं करता तो उसका फार्म सॉफ्टवेयर स्वीकार नहीं करेगा, ऐसे में अनेक आवेदक आवेदन कर ही नहीं पाएंगे।
अमर सिंह, राकेश कुमार, प्रदीप, अशोक सहित अनेक आवेदकों का कहना है कि बोर्ड ने बीएड की अनिवार्यता में दोहरा मानदंड अपनाया है। यदि आवेदक एचटेट पास है तो उसे बीएड की छूट है और यदि वह चार वर्ष के अनुभव के आधार पर आवेदन कर रहा है तो उसे बीएड की छूट नहीं है। ऐसे में दोहरा मानदंड गले नहीं उतरता। इनका कहना है कि हरियाणा में अब से पहले प्राध्यापक के लिए बीएड अनिवार्य नहीं थी, इसलिए ज्यादातर लोग सीधे स्नातकोत्तर में प्रवेश लेते थे। यदि बीएड लागू की जानी है तो उसके लिए बोर्ड को बाकायदा भविष्य के लिए डेट घोषित करके ही लागू किया जाना चाहिए। इस नई नीति से अनेक पात्रता पास अभ्यर्थी भी अयोग्य हो जाएंगे, चूंकि बोर्ड ने अच्छे अकादमिक रिर्काड के तहत स्नातक तक दो कक्षाओं में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक अनिवार्य किए हैं, जबकि एचटेट लेते समय इस तरह की कोई शर्त नहीं रखी गई थी। ऐसे में उनकी पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होने के बावजूद वे दो कक्षाओं में कम नंबर होने पर आवेदन नहीं कर पाएंगे। अमर सिंह का कहना है कि 90 के दशक तक तो बोर्ड की परीक्षाओं में 40 से 50 प्रतिशत नंबर महत्वपूर्ण होते थे। ऐसे में वे लोग वंचित रह जाएंगे जो 40 वर्ष के करीब के हैं और उनके नंबर कम हैं। अमर सिंह का यह भी कहना है कि नंबरों में एससी वर्ग के लिए पांच प्रतिशत की छूट का प्रावधान भी नहीं किया गया है। इसलिए इन वर्गों के लोग भी इसका लाभ उठा नहीं पाएंगे।
आरक्षण की नीति को लेकर भी आवेदक सवाल उठा रहे हैं। अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री से मांग की हैै कि बोर्ड के नियमों को दोबारा से इस तरीके से बनाया जाए जिससे अधिक से अधिक लोग आवेदन कर सकें वरना ज्यादातर लोग तो फार्म भरे बिना ही प्रतियोगिता से बाहर हो जाएंगे।
News Source : Denik Tribune (9.6.12)
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